May 3, 2025

– जल मित्र अनुपम पुरस्कार समारोह में केंद्रीय जल सचिव यूपी सिंह ने कहा-मसौदा तैयार


– हिन्दुस्थान समाचार के मुकुंद समेत देश के 11 जल प्रहरियों का हुआ सम्मान

दधिबल यादव 
नई दिल्ली, 20 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय जल सचिव यूपी सिंह ने कहा है कि जलनीति का मसौदा तैयार हो चुका है। देशभर के 32 जल विशेषज्ञों ने बुधवार को विचार-विमर्श और मंथन करके इसमें सहयोग किया। पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 25 दिसम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस जलनीति की घोषणा करेंगे। 


प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में प्रख्यात जलचिंतक और पर्यावरणविद् अनुपम मिश्र की स्मृति में नीति आयोग के मॉडल जलग्राम ‘जखनी के लोगों से संवाद और जल मित्र अनुपम पुरस्कार’ समारोह में जल सचिव ने यह जानकारी साझा की। समारोह में इस साल के जल मित्र अनुपम पुरस्कार हिन्दुस्थान समाचार के मुकुंद, दैनिक जागरण के राजू मिश्र, दैनिक भास्कर के शेखर घोष, देश के नदी, नालों और झीलों की जानकारी जुटा रहे यायावर फोटोग्राफर नफे सिंह समेत देश के 11 जल प्रहरियों को गंगा आयोग के प्रथम अध्यक्ष केके अग्रवाल, जल सचिव यूपी सिंह, प्रसार भारती के अपर निदेशक राजशेखर व्यास,  कामतानाथ प्रथम प्रवेश द्वार (चित्रकूट) के अधिष्ठाता  संत मदन गोपाल व्यास, पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव विश्वपति त्रिवेदी, जखनी जलग्राम के भगीरथ जलयोद्धा उमाशंकर पाण्डेय ने प्रदान किए। सभी को स्मृति चिह्न, शॉल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
युवा पर्यारणविद और जल-मल-थल जैसी चर्चित कृति के रचनाकार सोपान जोशी ने अनुपम मिश्र की सहजता, विनम्रता और सरलता को पानी की तरह निर्मल बताते हुए उनके काम को सामने रखा। भगीरथ जलयोद्धा पाण्डेय ने जखनी के लोगों के सामुदायिक प्रयास की विस्तृत जानकारी दी। गंगा और यमुना की निर्मलता के लिए प्रचार और प्रसार माध्यमों  के जरिये लोगों को जागरूक कर रहे टिल्लन रिछारिया और कृष्ण कल्कि ने भी पानी के संरक्षण पर बल दिया।
केद्रीय जल सचिव यूपी सिंह ने जखनी गांव के हर व्यक्ति को जलयोद्धा की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि इन लोगों ने बिना किसी सरकारी मदद के मील का पत्थर स्थापित कर बड़ा काम किया है। जखनी की यात्रा उनके लिए चारों धाम और मक्का मदीना से कम नहीं। उन्होंने कहा कि जखनी ने सामुदायिक कोशिश की मिसाल पेश की है। इस गांव का बच्चा-बच्चा परंपरागत जल वैज्ञानिक है। देश में एक हजार से ज्यादा गांवों में जखनी का प्रयोग शुरू किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार