May 3, 2025

श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ,महामहिम राष्ट्रपति ने ,सतत विकास के लिए जल की सुरक्षा समुदाय के साथ जरूरी, विषय को लेकर 7 सातवां भारत जल सप्ताह 2022 का शुभारंभ उद्घाटन किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपालआनंदीबेन पटेल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के जल शक्ति मंत्री मा गजेंद्र सिंह शेखावत, जल शक्ति राज्यमंत्री पहलाद सिंह पटेल , विशेश्वर टुडू की उपस्थिति में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार ने वाटर सप्ताह शुरू किया। इस कार्यक्रम में देश विदेश के जल विशेषज्ञ इकट्ठे हुए। 5 दिन तक चर्चा होगी जल कैसे बचाया जाए। दुनिया ने यह मान लिया है कि पानी सरकार नहीं समाज ही बचा सकती है सरकार सहयोग कर सकती हैं। दुनिया के विकास में पानी की महत्वपूर्ण भूमिका है दुनिया में पानी का संकट है पानी के बचाने के लिए परंपरागत विधियां आज भी कारगर है। समुदाय के आधार पर परंपरागत वर्षा जल संरक्षण विधियों से हजारों सालों से हमारे यहां जल बचाने की परंपरा रही है। लाखों तालाब नदिया कुआं जलाशय समाज ने ही बनाएं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा है कि जल संकट एक बहुआयामी और जटिल मुद्दा है और इससे वैश्विक प्रयासों के माध्यम से निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभाव से जल संरक्षण को गंभीर चुनौती हो गई है। राष्ट्रपति आज उत्तरप्रदेश के ग्रेटर नोएडा में आयोजित भारत जल सप्ताह के सातवें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहीं थीं। यह सम्मेलन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनरूद्वार मंत्रालय ने आयोजित किया है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि पहले भारत जल संकट का सामना कर रहा था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं से देश में जल की कमी से निपटा जा रहा है।

जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने अपने संबोधन में जल संकट से निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आहवान किया क्योंकि विश्व जलवायु परिवर्तन के कारण कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत जल संकट से निपटने में अग्रणी रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने देश में जल संरक्षण के क्षेत्र में धन का काफी आवंटन किया है। श्री शेखावत ने कहा है कि भारत सभी पक्षकारों को एक मंच पर लाने की पहल कर रहा है ताकि  जल संकट के मुद्दे और इस समस्या के समाधान पर विचार-विमर्श किया जा सके।

इस अवसर पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में जल संसाधन व्यवस्थित करने के लिए राज्य सरकार ने जो काम किया है उसके बेहतर परिणाम मिल रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सकारात्मक कार्यक्रमों के लागू होने से राज्य में सिंचाई और पीने के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध है।

हमारे संवाददाता ने बताया है कि एकीकृत तरीके से जल संसाधनों के संरक्षण और उपाय के बारे में जागरूकता पैदा करने के बारे में यह सम्मेलन हो रहा है। 

जल ही जीवन है, जल है तो कल है। पानी बनाया नहीं केवल बचाया जा सकता है। जल के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मेहमान भाग ले रहे हैं जिनमें डेनमार्क, फिनलैंड, जर्मनी ,इसराइल, यूरोपीय संघ देश, शामिल है 5 दिनों तक सामाजिक कार्यकर्ता स्वैच्छिक संस्थाएं वैज्ञानिक अनुसंधान करता चर्चा करेंगे हमें पानी आने वाली पीढ़ी के लिए बचाना है। जल और वायु दोनों असंतुलित है अतः जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने के लिए वृक्षारोपण जल संरक्षण करने के लिए खेत पर मेड, मेड पर पेड लगाने होगे। वर्षा की बूंदे जहां गिरे वही रोकें। नदियां सूख रही है तालाब सूख रहे हैं भूजल स्तर नीचे जा रहा है उसे रोकने के उपाय करने होंगे।