
-उमाशंकर पांडेय
जांच कर बुंदेलखंड के महानगरों में फसे कामगार मजदूरों को विशेष रेलगाड़ी से बुलाने की प्रार्थना में मा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, मा मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी, मा मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी, बुंदेलखंड के सभी मा. सांसदों मा. विधायकों से अनूरोध करता हूं बुंदेलखंड जो मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश दोनों राज्यों के मध्य में बसा है लाखों कामगार मजदूर देश के विभिन्न राज्यों के महानगरों में अपने तथा अपने परिवार के जीवन यापन के लिए मजदूरी के लिए गए थे। जो फंसे हैं परेशान हैं।
जैसे अन्य राज्यों के कामगारों व आप्रवासी मजदूरों को विशेष ट्रेन से बिहार, झारखंड, पंजाब, तेलंगना, सहित कई राज्यों में भेजे गए हैं उसी प्रकार बुंदेलखंड के अप्रवासी मजदूरों को तत्काल उनके गृह जनपद भेजने के लिए विशेष ट्रेन दिल्ली से मानिकपुर, मुंबई से वाया झांसी मानिकपुर, कोलकाता से बाया मानिकपुर, खजुराहो दिल्ली से खजुराहो, बनारस से खजुराहो, लखनऊ से खजुराहो, सूरत से झांसी खजुराहो वाया मानिकपुर विशेष ट्रेनें चलाई जाएं।
मैं इस बात का पूरा समर्थन करता हूं कि जिस राज्य से मजदूर चलें वहां पर उनकी पूरी जांच परीक्षण हो स्टेशन में जांच हो, जहां उतरे वहां जांच हो, जिला मुख्यालय में जांच हो, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच हो गांव में जाने के पहले सभी नियमों का पालन हो इसके बाद गांव भेजें जहां उसका जन्म हुआ है। उसका घर है उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में कोई भी ऐसा सरकारी गैर सरकारी बड़ा उद्योग नहीं है जिसमें आज की तिथि में 3 सैकड़ा मजदूर काम करते हैं जो किसी जमाने में चल रहे थे वह बंद है।
सरकारी मनरेगा की रिपोर्ट के अनुसार लगभग उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में 9 लाख से अधिक मजदूर तथा मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में 8 लाख से अधिक मजदूर हैं 18 वर्ष से कम 65 वर्ष से अधिक की मजदूर सम्मिलित नहीं है। श्रम विभाग की रिपोर्ट को जोड़ दिया जाए तो संख्या मजदूरों की 20 लाख से अधिक है कृषि के अलावा बुंदेलखंड में कोई भी रोजगार नहीं है। पलायन करना मजबूरी है, जीना है, तो रोटी चाहिए रोटी के लिए संघर्ष सबके सामने हैं अभी तक एक अनुमान के अनुसार मात्र 25% मजदूर जो छोटी मोटी खेती किसानी से संबंधित थे वही गांव में है शेष 75% से अधिक मजदूर देश के विभिन्न राज्यों में है जो परेशान है हजारों किलोमीटर पैदल यात्रा करके बुंदेलखंड की ओर आ रहे है हम सबको मिलकर सोचना होगा। एक सामाजिक कार्यकर्ता के नाते मैंने जो अनुभव किया आवश्यकता समझी बुंदेली होने के नाते आपके साथ साझा कर रहा हूं। यदि उचित लगे तो यह सूचना साथियों में साझा करें सरकारों से प्रार्थना करें बुंदेली मजदूर सा कुशल घर लौटे।