May 2, 2025

मा. आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा श्री गौरव दयाल जी ने जखनी का भ्रमण किया, खेत पर मेड पेड़ पर पेड़ किसानों द्वारा अपने श्रम से अपने संसाधन से वर्षा जल को रोकने के लिए अपने खेत पर जो परंपरागत विधि पद्धति समुदाय के आधार पर अपनाई है उसे खेतों में पहुंचकर देखा।

गांव के परंपरागत तालाब देखें, कुओ को देखा, समुदायक जल प्रबंधन की परंपरागत विधि से बगैर सरकार की सहायता सरकारी अनुदान के खेतों मे रुके वर्षा जल को देखा, किसानों द्वारा बड़ी संख्या में बासमती धान पैदा करने के उद्देश्य धान रोपित करते हुए देखा, सराहना की साथ में उपस्थित मुख्य विकास अधिकारी श्री हरीश चंद्र वर्मा को निर्देशित किया कि वर्षा जल को रोकने के लिए सर्वाधिक समुदायिक प्रयास किए जाएं समुदाय के आधार पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।

वर्षा जल को जमीन में रोकने के लिए राज समाज सरकार सब को मिलकर काम करना होगा परंपरागत विधि नवीन विधि दोनों के माध्यम से भूमि के अंदर जितना जल इकट्ठा होगा उतना ही हमें समाज को फायदा होगा जखनी के किसानों का मंत्र मेड़बंदी वर्षा जल रोकने की प्राचीन विधि है इस विधि के माध्यम से जखनी के किसानों ने भू जल संरक्षण किया है जखनी के किसान बधाई के पात्र हैं हम सराहना करते हैं ऐसे प्रयास हर गांव में हो इस अवसर पर श्री ए.एम. जैदी अधिशासी अभियंता भूजल विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ अभियंता लघु सिंचाई विभाग बांदा खंड विकास अधिकारी महुआ श्री संजीव बघेल सर्वोदय कार्यकर्ता गजेंद्र त्रिपाठी घुरौडा मुन्ना लाल वर्मा बरसडा खुर्द सहित जल ग्राम जखनी में विकास के अधिकारी मौजूद थे।

मा. कमिश्नर चित्रकूट धाम मंडल बांदा के इस भ्रमण से गांव के किसानों का उत्साह बढ़ा सभी जल ग्राम जखनी के सदस्य किसानों ने आयुक्त को धन्यवाद दिया। ज्ञात हो कि बगैर किसी पूर्व सूचना के अचानक आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल बांदा ने जखनी गांव का भ्रमण किय गांव के किसानों, नौजवानों, युवा पीढ़ी का हौसला बढ़ाया जखनी के किसानों नौजवानों ने अपनी मेहनत अपने श्रम अपने संसाधन से अपने खेतों में जल संरक्षण के लिए जो प्रयोग किया है परंपरागत विधि अपनाई है उसकी चर्चा आम जनमानस सरकार में गंभीरता पूर्वक की जा रही है इस प्रयोग को लागू किया जा रहा है इस पूरी जल प्रबंधन विधि में एक नया पैसा किसी भी किसान ने सरकार से अनुदान नहीं लिया ना ही किसी संस्था से यह कोशिश पिछले कई दशक से हो रही है ।भविष्य में भी अपने सीमित संसाधन के साथ ऐसे प्रयास हम सब किसान करते रहेंगे खेत हमारे हैं फसल हमें मिली है जलस्तर हमारे गांव का बढ़ रहा है अनुदान किस बात का हमने कोई बड़ा काम नहीं किया हमारा प्रयास समुद्र में एक बूंद के बराबर है जल संरक्षण की दिशा में लेकिन हमने अंधेरा अंधेरा कहने की वजह है एक छोटा से मिट्टी के दीए से कुछ ही दूर सही भूजल रोकने के लिए जमीनी प्रयास किया है जल दीपक जलाया अपने संसाधन से यह प्रयास सामूहिक है।