
बुंदेलखंड के बासमती धान उत्पादक किसानों को उचित मूल्य मिले मैंने राष्ट्रीय सेमिनार में मा कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही प्रभारी मंत्री बांदा लखन राजपूत बुंदेलखंड बोर्ड के अध्यक्ष मा मानवेंद् सिंह उपाध्यक्ष राजा बुंदेला तथा राष्ट्रीय सेमिनार में उपस्थित उत्तर प्रदेश सरकार के विभागीय प्रमुख सचिव विशेष सचिव से की है.
इस मौके पर बांदा चित्रकूट सांसद मा आर के पटेल महोबा विधायक मा राकेश गोस्वामी मा जिलाधिकारी बांदा श्री हीरालाल जी सहित तमाम किसान वैज्ञानिक मीडिया बंधु उपस्थित है सभी ने मेरी बात का समर्थन किया मेरी मांग को शासन को प्रेषित करेंगे ऐसा कहा आश्वासन दिया बुंदेलखंड के केवल बांदा जिले में लगभग 300000 कुंटल बासमती धान का उत्पादन बांदा जनपद के किसान करते हैं पिछले वर्ष बासमती धान का मूल्य ₹3000 प्रति कुंतल से 3500 सो रुपए प्रति कुंतल था इस वर्ष 220,0सो रुपए से ₹25 00प्रति कुंतल है मूल बढ़ने की बजाय एक कम हो गया लगभग ₹1000 कुंटल बासमती धान का समर्थन मूल्य भारत सरकार ने मेरी जानकारी में जारी नहीं किया व्यापारी अपने मन का रेट देते हैं किसानों को परेशान करते हैं समय से पैसे नहीं देते कई दिनों तक चक्कर लगावते है।
बुंदेलखंड में बासमती धान से चावल बनाने की कोई मशीन नहीं है लगभग 50,000 किसान बासमती धान की खेती करते हैं उपज करता है दिल्ली में बासमती चावल का रेट ₹20000 से ₹25000 प्रति कुंतल है बासमती धान के चावल की मांग विदेशों में अधिक है बांदा जनपद मैं एक बासमती चावल बनाने का प्लांट लगाने की मांग की साथ ही बासमती का समर्थन मूल्य जारी हो यह भी मांग की यदि समय रहते बासमती उत्पादक किसानों को समर्थन मूल्य उचित भाव नहीं मिलता तो किसान बासमती धान बोना बंद कर देंगे वही हाल होगा जो किसी जमाने में बांदा की अतर्रा चावल मंडी एशिया की सबसे बड़ी चावल मंडी थी एक मालगाड़ी चावल रोज विदेश जाता था जब पूरी दुनिया में भोजन संकट था तब अतर्रा में 80 राइस मिलें चावल बनाती थी लगभग 50000 आदमी रोजगार पाता था अतर्रा की मिले पुराने जमाने की थी तब मोटा धान पैदा होता था बासमती पतला धान है नई तकनीकी मशीनें चाहिए कई हजार बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिलेगा नौजवान युवा किसानी करने के लिए आगे आएगा। बांदा जिले के जखनी गांव के किसान सर्वाधिक बासमती धान पैदा करते हैं 10 किसान मेरे साथ मौजूद थे जखनी गांव के बुंदेलखंड के बुंदेलखंड के सर्वांगीण विकास को लेकर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में मुझे 2 दिनों तक लगातार अवसर मिला जिसमें जल विषय आदर्श गांव पर मैंने अपने विचार सुझाव दिए इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार में 40 विभागों के प्रमुख सचिव विशेष सचिव 16 प्रमुख देश विदेश के विद्वान 1600 प्रतिभागियों 200 से अधिक कॉन्सेप्ट नोट 42विभागों ने भाग लिया मुख्य भूमिका नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश तथा मुख्यमंत्री जी के आर्थिक सलाहकार मा बी के राजू तथा प्रमुख सचिव जल टी वेंकटेश रही पूर्व जिलाधिकारी बांदा रहे उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव मा आलोक कुमार बांदा के पूर्व जिलाधिकारी रहे मनरेगा अपार आयुक्त उत्तर प्रदेश योगेश कुमार ने स्थाई ठोस उपायों पर चर्चा की उत्तर प्रदेश के मा सूर्य प्रताप शाही जी ने उद्घाटन किया जनशक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का समापन किया उत्तर प्रदेश सरकार के 1 दर्जन से अधिक मंत्रियों ने भाग लिया बुंदेलखंड के सर्वांगीण विकास की चर्चा की धरातल पर यह राष्ट्रीय सेमिनार कितना कामयाब होगा यह तो समय बताएगा यह राष्ट्रीय सेमिनार कृषि विश्वविद्यालय बांदा में आयोजित किया गया था।
बुंदेलखंड बोर्ड के सभी सदस्य मौजूद थे गांव को गांधी विनोबा के ग्राम स्वराज पर दीनदयाल उपाध्याय जी के ग्राम विकास की अवधारणा पर विकसित करना होगा ग्राम के विकास की योजना गांव में बने समुदाय के बीच बने सामुदायिक भागीदारी हो राज्य समाज सरकार तीनों मिलकर काम करें प्रत्येक गांव में जल ग्राम समिति बने ऐसा मेरा सुझाव था जल संरक्षण सरकार का नहीं समाज का मुद्दा है पानी बनाया नहीं बचाया जा सकता है वह भी परंपरा के तरीके से समुदाय के आधार पर अगर सुझाव में कोई गलती हो तो क्षमा करें सभी मित्र अगर ठीक है तो अपने अपने अनुसार प्रयास करें ऐसा अनुरोध है।